लोग अक्सर मानते हैं कि इडली एक प्रोटीन युक्त भोजन है, क्योंकि इसमें उड़द दाल होती है। लेकिन वास्तविकता इससे भिन्न है।
अधिकतर घरों में इडली बैटर का चावल और उड़द दाल का अनुपात 3:1 होता है, जिसमें चावल की मात्रा अधिक होती है। इस कारण, एक इडली में केवल 1-2 ग्राम प्रोटीन होता है। प्रोटीन की सही मात्रा प्राप्त करने के लिए, इडली में उड़द दाल की मात्रा बढ़ानी होगी या सोयाबीन जैसे वैकल्पिक विकल्प अपनाने होंगे।
भारतीय नाश्ते का इतिहास शारीरिक श्रम से जुड़ा है, जहां श्रमिक भारी मात्रा में कार्ब्स का सेवन करते थे। इडली, डोसा, पूरी, उपमा, पराठा, और पोहा जैसे पारंपरिक नाश्ते ऊर्जा के स्रोत थे, जो कठिन परिश्रम करने वालों के लिए उपयुक्त थे। लेकिन आज, हमारी जीवनशैली कम शारीरिक श्रम वाली हो गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये कार्ब-प्रधान नाश्ते हमारे लिए संतुलित हैं, या हमें अपने नाश्ते में बदलाव की जरूरत है?
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प्रोटीन बढ़ाने के उपाय
भारतीय नाश्ते को प्रोटीन से भरपूर बनाने के लिए उड़द दाल की मात्रा बढ़ाना एक आसान और प्रभावी तरीका है। उदाहरण के लिए, कांचीपुरम इडली में चावल और उड़द दाल का अनुपात 2:1 या 1:1 रखा जाता है, जो प्रत्येक इडली में 2-3 ग्राम प्रोटीन प्रदान करता है। यह एक अच्छा विकल्प है, लेकिन प्रोटीन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए इसे और बढ़ाया जा सकता है।
प्राचीन इतिहास की ओर नजर
12वीं सदी के माणसोलासा ग्रंथ में इडली को इदारिका के नाम से संदर्भित किया गया था और इसे पूरी तरह से उड़द दाल से बनाया जाता था। चावल का उपयोग इडली में बाद में शुरू हुआ, जब विभिन्न ऐतिहासिक कारणों से यह बदलाव हुआ। दरअसल, चावल का समावेश एक आधुनिक, लागत-कटौती उपाय था। ब्रिटिश काल के दौरान आए अकाल और औपनिवेशिक नीतियों ने चावल को प्रोत्साहित किया, जिससे यह पारंपरिक व्यंजनों में शामिल हो गया। इस बदलाव के पीछे की मुख्य वजह खाद्य आपातकालीन स्थिति और आर्थिक कारण थे, जो चावल को एक सस्ता और आसानी से उपलब्ध विकल्प बना दिया।
सोयाबीन का उपयोग
प्रोटीन की मात्रा बढ़ाने के लिए सोयाबीन का उपयोग एक उत्कृष्ट विकल्प है। उड़द दाल की जगह सोयाबीन से इडली बनाना प्रोटीन की मात्रा को 4-5 ग्राम तक बढ़ा सकता है। सोयाबीन प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है, जो न केवल प्रोटीन की कमी को पूरा करता है, बल्कि शरीर के समग्र स्वास्थ्य को भी लाभ पहुंचाता है। इसका उपयोग पारंपरिक नाश्ते को अधिक पौष्टिक और संतुलित बनाने में मदद करता है।
सोया इडली और डोसा बैटर रेसिपी
सामग्री:
- 2 कप सोया बीन्स (पूरा सोया दाल), रात भर भिगोए हुए
- 1 चम्मच मेथी दाना
- 1 चम्मच चना दाल
- 1 कप इडली चावल, रात भर भिगोए हुए
- 2 चम्मच नमक
विधि:
- सामग्री को भिगोना:
- सोया बीन्स को एक बर्तन में रात भर भिगो दें।
- मेथी दाना और चना दाल को भी एक साथ भिगोएं।
- इडली चावल को एक अलग बर्तन में रात भर भिगोएं।
- बैटर बनाना:
- भिगोई हुई सोया बीन्स को छान लें और मिक्सर ग्राइंडर में थोड़ा पानी डालते हुए घना बैटर बना लें।
- इस बैटर को एक बड़े बर्तन में डालें।
- मेथी दाना और चना दाल को भी मिक्सर ग्राइंडर में पीस लें और इस बैटर में मिलाएं।
- इडली चावल को भी थोड़ा पानी डालते हुए पीस लें और इसे भी बैटर में डालें।
- बैटर को खमीर उठाना:
- नमक डालें और अच्छी तरह मिलाएं।
- बर्तन को ढककर बैटर को 8 घंटे या रात भर खमीर उठने के लिए रख दें।
- इस्तेमाल और स्टोरेज:
- खमीर उठ जाने के बाद बैटर को हल्के से मिला लें। आप ताजा बैटर से पहले दिन इडली बना सकते हैं, जिसमें हवा के बुलबुले होंगे।
- बैटर को एक एयरटाइट कंटेनर में रेफ्रिजरेट करें और 4 से 5 दिनों तक उपयोग करें।
- विविधता:
- इडली और डोसा के अलावा, आप इस बैटर से इडली उपमा, उत्तपम, पैनियारम आदि भी बना सकते हैं।
निष्कर्ष
उच्च प्रोटीन युक्त विकल्प अपनाना जरूरी है, जैसे कि सोया दाल को इडली बैटर में शामिल करना। सोया बीन्स, जो प्रोटीन का एक उत्कृष्ट स्रोत है, इडली को अधिक पौष्टिक बना सकते हैं और हमारी प्रोटीन की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। इस प्रकार, पारंपरिक नाश्तों को आधुनिक जीवनशैली के अनुकूल बनाने के लिए हमें इन्हें समृद्ध और संतुलित बनाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।
इस बदलाव के साथ, हम न केवल अपने पारंपरिक भोजन को स्वस्थ बना सकते हैं, बल्कि यह सुनिश्चित भी कर सकते हैं कि हमारा आहार हमारे जीवनशैली की आवश्यकताओं के अनुरूप हो। उदाहरण के लिए, सोया दाल के साथ इडली बनाने से न केवल इसकी पौष्टिकता बढ़ती है बल्कि यह हमें एक संतुलित और स्वस्थ नाश्ता प्रदान करता है, जो आज की आवश्यकता के अनुसार है।
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